Madu Maapu :(
Manishada pratishtatum
Samagah sashvatisamah
Yat krouncha mithunadekam
Sokam avadhim kama mohitam.
कल मैं गुफा में था
आज ज़मीन के नीचे
भूखा था मैं दो दिन से
मजबूरी में लिया दो रोटी मैं
लेकिन मुझे बुलाया चोर
थाम लिए मुझे वो चार
बंध किया मेरे हाथ
बाँध दिये मेरे पैर
मारा मुझे हथियारों से
वो शहर के यारों ने
मगर दर्द हुआ नहि
भूख दर्द से ज़्यादा थी
कल मैं गुफा में था
आज ज़मीन के नीचे|
Samagah sashvatisamah

Sokam avadhim kama mohitam.
कल मैं गुफा में था
आज ज़मीन के नीचे
भूखा था मैं दो दिन से
मजबूरी में लिया दो रोटी मैं
लेकिन मुझे बुलाया चोर
थाम लिए मुझे वो चार
बंध किया मेरे हाथ
बाँध दिये मेरे पैर
मारा मुझे हथियारों से
वो शहर के यारों ने
मगर दर्द हुआ नहि
भूख दर्द से ज़्यादा थी
कल मैं गुफा में था
आज ज़मीन के नीचे|
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